VALENTINES DAY......MERI NAZAR SE !

हैप्पी वैलेंटाइन्स डे

पिछले कुछ दिनों से अखबारों में, बाज़ारों में, टेलीविज़न पर, सोशल मीडिया में —–बस लाल रंग छाया हुआ है —–लाल दिल जैसी अकार के गुब्बारे, लाल गुलाब, लाल सजावट ——हर जगहं बस लाल ही लाल। यह लाल रंग भी अजीब है —-कभी सुहाग का – कभी हिंसा का, कभी प्यार का – कभी तकरार का, कहीं शर्म से और कहीं गुस्से से चेहरा लाल होता है। पर आज के दिनों में मानो प्यार मतलब—–लाल रंग और लाल रंग मतलब प्यार। तो आज के दिन अगर आप हरा रंग पहने तो आप प्यार का मतलब नहीं समझते और आप आउट ोड फैशन हैं। तो क्या अब लाल लिबास, लाल गुब्बारे, लाल गुलाब और लाल चमकीले कागज़ों में लिपटे हुए तोहफों से प्यार के सबूत दिए जाएंगे।
यह प्यार है या दिखावा !
इस लाल-गुलाबी ताम-झाम और हल्ले गुल्ली के बीच मुझे दो अलग औरतों ने आज प्यार का मतलब समझाया।
मेरे यहाँ घर-काम करने वाली बाई की बहु- रेशमा; जिसकी शादी को अभी बस तीन ही महीने हुए हैं और वह शादी के कुछ ही दिन बाद अपने पति को सरहद पर भेजकर, दिन रात उसके माता पिता की सेवा कर रही है। अपनी जुदाई का गम भुला कर—-उन्हे हर पल यही तसल्ली देती रहती है की —उनका बेटा जल्दी ही वापिस आएगा। आज सुबह जब वोह अपनी सास के साथ काम करने आयी – तो उसके चेहरे पर वही ख़ुशी और चमक थी —-जो किसी भी प्यार करने वाले के चेहरे पे होती है —–वोह ख़ुशी वोह चमक किसी विशेष दिन, त्यौहार, सजावट या प्रेमी की उपस्तिथि की मोहताज नहीं होती। रेशमा से पूछिए —–“क्या है प्यार —और क्या है वैलेंटाइन्स डे “?
वो लोग जो केवल भौतिक चीज़ों और शारीरिक आकर्षण को ही प्रेम मानते हैं —–वो क्या जाने की निस्वार्थ और त्याग की भावना से कैसे मनाया जाता है प्यार —–प्यार का हर पल —-प्यार का हर दिन——!
आज का प्यार का दूसरा रूप देखने को तब मिला जब मैं अपनी मम्मी के घर गयी। मम्मी की मालिश करने वाली आयी हुयी थी —-मैने पहले भी उसे कई बार देखा था —-पर आज वोह सजी-धजी नज़र आयी ——सिन्दूर, लाल बिंदी, हाथों में लाल चूड़ियां, मेहँदी —-और मेहँदी में उसके पति का नाम लिख था। शायद हर शादी-शुदा औरत ऐसे ही सजती है पर उसे ऐसे देखना थोड़ा अटपटा था—-क्यूंकि कुछ साल पहले उसका पति उसे छोड़ के जा चूका था और शायद उसने दूसरी शादी भी कर ली थी —–तो उसे ऐसा सजा हुआ देख कर मैं खुद को रोक नहीं सकी और इस बारे में पूछ बैठी —-उसका जवाब मुझे अंदर से हिला गया —– “दीदी आज मेरी शादी की सालगिरह है, और मैने उन्हें नहीं छोड़ा”। मैने उसे चौंक कर देखा—–
ना प्यार —–ना प्यार की उम्मीद —-ना लाल गुलाब —-ना तोहफे —-न होटलो में महंगा खाना —-ना पार्टी —शायद यही है वैलेंटाइन्स डे
” वाह रे प्यार —– वाह रे —- वाह “

- शिवानी 'नरेंद्र' निर्मोही